Thursday, November 14
Home>>Health>>नींद क्यों नहीं आती है रातभर इस सवाल के जवाब है पर काम कोई नहीं करते ?
HealthLifestyle

नींद क्यों नहीं आती है रातभर इस सवाल के जवाब है पर काम कोई नहीं करते ?

बात रातजगी की है, देश में ही नहीं पूरी दुनिया में कई है जो रात होते बिस्तर पर तो जाते है। पर वह परेशान रहते है इस सवाल से “नींद क्यों नहीं आती है रातभर”। बड़े-बुर्जुग, दोस्त-यार, नाते-रिश्तेदार सभी की सलाह हल्दी-दूध पीना, सरसो तेल से पैर में मालिश करना और सबसे बड़ा उपाए दिन भर अपने आप को इतना थका दो कि बिस्तर पर जाते ही नींद आ जाए। सारे नुस्के, नीम-हकीम करने के बाद भी सवाल फिर रात में वही आता है सोने के लाख जतन करने के बाद आसपास सभी तो सो रहे है मुझे ही नींद क्यों नहीं आती रातभर।

नींद के बारे में वैज्ञानिकों ने भी कम नहीं सोचा है मगर एक राय पर कभी कायम नहीं हो सके। एक राय कहती है कि नींद शरीर में नई ऊर्जा का संचय करने के लिए आती है। जब इंसान सोता है तो शरीर की कोशिकाएं अपने को फिर से रीचार्ज कर लेती है। कुछ मानते है नींद तो थकान के कारण आती है, आप जब बहुत सारा काम करते है तो शरीर की कोशिकाएं भी थक जाती है और तब नींद आना स्वाभाविक है। कुछ नींद को इसलिए जरूरी मानते है कि आप दिन की महत्वपूर्ण घटनाओं को स्मॄति में सहेज सके। इसीतरह कई मानते है कि नींद विस्मृत्ति के लिए भी होती है आप कितनी चीजों को अपने मेमोरी में रख सकते है नींद में ही वही सूचनाएं स्मृत्ति में रहती है जिनको आप रखना चाहते है बाकी गायब हो जाती है, स्मृत्ति से।

वैसे नींद पर एक नहीं हजारों शोध है और हर शोध अपने पहले के शोध को काटता है। कुछ शोध हमारे जीवन में निकोटीन के रोज बढ़ रहे इस्तेमाल को नींद के नहीं आने का जिम्मेदार मानते है। कई शोध यह भी बताते है कि हमने जिस तरह का दिनचर्या बना लिया है अपने लिए वह भी नींद के नहीं आने का कारण है। कुछ हमारे दैनिक जीवन में इलेक्ट्रानिक गजट के बढ़ते इस्तेमाल को भी नींद नहीं आने का कारण मानते है। खासकर देर रात तक कम रोशनी में मोबाईल स्क्रीन पर टक-टक लगाई हुई आंख नींद को दूर ले जाती है।

सभी शोध इस बात पर तो सहमत है कि लगातार कई रातों तक नींद नहीं आना, मानवीय शरीर के लिए बहुत घातक है। इंसान अपनी नींद से जितना वंचित रहता है सोने के साथ उसका संघर्ष बढ़ता चला जाता है। यह स्थिति पहले उसे चिड़चिड़ा बनाती है फिर हिंसक और उसने बाद दिमागी अंसतुलन की स्थिति भी आ सकती है। अब तक हुए सारे शोध इस बात से कम से कम सहमत है कि इंसानी शरीर ही नहीं इस वातावरण में हर संजीव प्राणी के लिए सोना बहुत आवश्यक है। चाहे वह इंसान हो जानवर या फिर पेड़-पौधे।

व्यक्तिगत रूप से मैं ने यह महसूस किया है कि कई बार बहुत थकान होने पर भी नींद नहीं आती है तो कई बार थकान नहीं होने पर भी नींद नहीं आती है। बहरहाल जिनको नींद नहीं आती है वह स्वयं से परेशान होते है और दूसरों को अच्छी नींद लेते हुए देखकर भी। तमाम वैज्ञानिको ने जो भी अपनी राय रखी हो नींद नहीं आने के बारे में या नींद क्यों जरूरी है उसके बारे में। जिसे नींद नहीं आती है वह यह सोचकर ही परेशान होता है कि नींद क्यों नहीं आती है रात भर। वह नींद पर गाई सुनाई गई तमाम गीत-संगीत-गजल सब सुनने लगता है। मसलन आपकी याद आती रही रातभर…..नींदिया रानी आ रे…..

यहां तक कि साठ के दशक में कृष्ण चंदर का वह उपन्यास भी खोज लेता है जिसका शीषर्क ही था”नींद क्यों नहीं आती है रात भर”…….।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!