मानवीय रिश्तों की दुनिया में दोस्ती एक मात्र रिश्ता है, जिसको हम खुद चुनते हैं। कई कसौटीयों पर जांचते-टटोलते हैं, फिर उम्र-भर के लिए हमकदम बना लेते हैं।
एक अधिकार, एक गर्व, एक अपनेपन का जो भाव इस रिश्ते में है, वो और किसी रिश्ते में मिलता ही नहीं है। इसलिए कहते हैं कि दोस्ती एक ख्वाब है और ख्वाब की ताबीर भी जो अहसास की खुशबू तक साथ चलती है।
आज कहां है दोस्त/ मनमीत?
मौजूदा जीवन की भाग-दौड़ और जीवन में सोशल मीडिया के दखल ने हम सबों के मन के मीत को दूर कर दिया है। उम्र के हर पड़ाव पर दोस्ती के रंग से जीवन हरा-भरा करने वाला रंगरेज़ गायब है। आज, दोस्ती क सकारात्मक तरंगों से हमेशा वाबस्ता करने वाले मन के मीत की तलाश हर किसी को है।
मेरे आगे मत चलो शायद मैं पीछ न चल सकूंगा। मेरे पीछे भी न चलो, क्योंकि मैं तुमसे आगे नहीं जाउंगा। चलना है तो साथ चलो दोस्त।
जीवन यात्रा में शायद ही कोई पड़ाव हो, जहां अनजाने-अपरिचित लोग मिलते है और अनायास ही मन के मीत सरीखे हो जाते हैं। साथ होते हैं जब वो बन जाते हैं, हम कदम उस खास पल के जो बीत रहा होता है। हम सबों को जीवन यात्रा में कई तरह के दोस्त मिलते हैं, दोस्ती की तामीर एक साथ नहीं कई लोगों के साथ होती है।
कौन कौन से दोस्त?
हर हालत में साथ रहने वाले दोस्त
कभी-कभी हमें सिर्फ एक ऐसे दोस्त की ज़रूरत होती है, जो हर दिशा और दशा में हमारे साथ रहे, जो हमारी आदतों और निर्णयों को लेकर किसी किस्म का पूर्वाग्रह न रखें। ऐसे दोस्त अपने भीतर-बाहर को पूरी तरह से जानते हैं, आपकी सभी कमज़ोरी-ताकत जानते हुए आप से प्यार करते हैं।
रोमांच का साथी दोस्त
हम एक बहुत बड़े समाज में रह रहे हैं, जहां हमें बहुत से नए लोगों से मिलने और नई जगहों पर जाने की ज़रूरत है। यही हमें जीवन के नए आयामों को समझने में सहायक होता है। ऐसे में ज़रूरी है एक ऐसे दोस्त का होना, जो हमें हमारे सुस्त रूटीन से बाहर निकाल कर नए आइडियाज़, नए दर्शन, नए लोगों और जगहों से हमें अवगत कराएं।
आईना दिखाने वाले दोस्त
ज़िंदगी में कई बार ऐसे पड़ाव आते हैं, जब हमें वो सच दिखाई या सुनाई नहीं देते, जो हमारे सामने खड़े हैं। ऐसी स्थिति में एक आत्मविश्वासी और सच्चे दोस्त की बहुत ज़रूरत होती है, जो थोड़े कड़े स्वभाव के साथ ही सही, पर हमें सच्चाई से रुबरू करवाएं।
गाइड करने वाला दोस्त
हम सभी को एक ऐसे दोस्त की बहुत ज़रूरत होती है, जो हमें अच्छी संगत और विचारों में रखे बिना भी हमें यह बताएं कि हमारी सोच अभी विकसित नहीं। यह ज़रूरी नहीं कि ऐसे दोस्त हमारे हम उम्र हो या हमारे साथ काम करता हो। वह कोई भी हो सकता है, हमारे शिक्षक, सीनियर, पड़ोसी के कोई बुजुर्ग अंकल या अन्य कोई भी। हमारी ज़िंदगी दोस्ती के गुलदस्ते से पूरी होती है इसमें कई तरह के दोस्त बनते हैं।
अलग संस्कृति का दोस्त
अगर हम किसी के पास एक ऐसा दोस्त हो, जो किसी अलग संस्कृत्ति से संबंध रखता हो, तो यह दुनिया रहने के लिए ज़्यादा बेहतर साबित होगी। क्रांस कल्चर फ्रेडशिप आज की नई मांग है। इस किस्त की दोस्तियां हमें अलग-अलग संस्कृत्ति रीति-रिवाज़ और परंपराओ को जानने समझने में मदद करती हैं। याद रखे, ऐसी दोस्तियों से अन्य संस्कृत्तियों के लिए भी दिल में सम्मान पैदा होता है।
अलग विचारधारा का दोस्त
गुटबाजियों का शिकार होते ही वही लोग हैं, जिनके पास कोई अलग विचारधारा का दोस्त नहीं होता, जब तक हम एक ही विचारधारा के लोगों के साथ किसी एक समूह में रहेंगे तो हम खुद को नए लोगों के साथ सहज नहीं पाएंगे और हमारी सोच भी एकसार सी हो जाएगी। ऐसे दोस्त हमें दुनिया को अलग-अलग नजरिये से देखना सिखाते हैं।
दफ्तरवाला दोस्त
चूंकि दिनभर में ज़्यादा समय हम अपने दफ्तरों में काम करते रहते हैं, इसलिए बहुत ज़रूरी है कि हफ्ते में हमारे साथ काम करने वाले लोगों में से कोई हमारा दोस्त हो, जिससे हम अपनी परेशानियां और हंसी-मज़ाक साझा कर सकें। ऐसा ना होने पर हम अवसाद का शिकार भी हो सकते हैं, तो उन सारी बातों के साथ फ्रेंडशिप वीक के मौके पर आइए हम उस दोस्त को याद करें, उसे शुक्रिया कहें, जिसने हमारी ज़िंदगी में एक नया रंग घोलकर हमारे मन सरीखे आसमान को इंद्रधनुष सा रूप दिया।