शंकरन नायर ने 1922 में किताब लिखी 'गांधी एंड अनार्की' जिसमें उन्होंने गांधीजी की नीतियों से अहसमति जताई और साथ ही पंजाब के हालात के लिए ब्रितानी सरकार की आलोचना की.
शंकरन नायर पर ब्रिटेन में 1922 में मानहानि का मुक़दमा कर दिया कि वो माफ़ी माँगें, किताब को वापस लें और जुर्माना भरें, लेकिन शंकरन नायर ने इससे साफ़ इनकार कर दिया.
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