पिंकवॉशिंग: महिला सशक्तिकरण की मार्केटिंग
जब भी महिला सशक्तिकरण की बात होती है, तो उसके साथ उम्मीदों, बदलावों और बराबरी की एक कल्पना जुड़ी होती है। लेकिन जब यही ‘सशक्तिकरण’ सरकारों, कॉर्पोरेट ब्रांड्स और मीडिया के लिए प्रचार का औजार बन जाए, तब यह विचार संदेह के घेरे में आ जाता है। आज हम जिस युग में हैं, वहां ‘महिला … Continue reading पिंकवॉशिंग: महिला सशक्तिकरण की मार्केटिंग
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