डॉ. अंबेडकर: महिला सशक्तिकरण के असली नायक

"समाज की तरक्की महिलाओं की तरक्की से तय होती है"  – बाबा साहब

डॉ. अंबेडकर ने 1929 में मातृत्व लाभ विधेयक का प्रस्ताव रखा

डॉ. अंबेडकर ने खदानों में काम करने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश की मांग की

“बाबा साहब के प्रयासों से कामकाजी महिलाओं के बच्चों की परवरिश और सुरक्षा के लिए विशेष कल्याण कोष की नींव रखी गई।”

महिलाओं के अधिकारों के इतिहास में हिंदू कोड बिल एक मील का पत्थर है, जिसे डॉ. अंबेडकर ने पूरी निडरता और प्रतिबद्धता से संसद में रखा।”

डॉ. अंबेडकर  की सोच – हर महिला को गरिमा और स्वतंत्रता मिले

आज भी डॉ. अंबेडकर  प्रेरणा हैं – महिलाओं के लिए संघर्ष का प्रतीक