"जब दुनिया चुप थी, मैरी वोलस्टोनक्राफ्ट ने स्त्रियों के अधिकारों की आवाज उठाई थी।"

1792 में लिखी गई एक किताब ने आज की नारीवादी सोच की नींव रखी – Vindication of the Rights of Woman."

जिस समय महिलाएं चुप थीं, उस समय मैरी वोलस्टोनक्राफ्ट ने लिखा – 'स्त्रियों को भी इंसान समझा जाए'।"

"स्त्रियों को अच्छी दिखने के लिए नहीं, अच्छा बनने के लिए शिक्षा दो – यही थी मैरी की सोच।"

स्त्री मुक्ति की राह में पहली मशाल जलाने वाली – मैरी वोलस्टोनक्राफ्ट। आज भी उनका नाम प्रेरणा है।"