"हर गृहिणी की मेहनत का मूल्य होता है।" ........................................

"गृहिणी का काम सिर्फ घर नहीं, देश भी संभालता है!" ........................

घर चलाना एक फुल-टाइम जॉब है, जिसमें कोई छुट्टी नहीं। ........................

महिलाएं रोज़ 299 मिनट घरेलू काम में देती हैं, पुरुष केवल 97 मिनट। फिर भी महिलाओं के काम को"नौकरी" नहीं माना जाता। ........................

रोटी बनाने से लेकर बुज़ुर्गों की सेवा तक – सब कुछ अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। इन अदृश्य योगदानों को अब दिखाने की बारी है। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

गृहिणी का सम्मान केवल शब्दों से नहीं, नीतियों से होना चाहिए। ........................................