महिलाओं का विज्ञान में योगदान अद्वितीय है, लेकिन नोबेल पुरस्कारों में वह न के बराबर हैं।

मैरी क्यूरी — दो बार नोबेल जीतने वाली अकेली महिला वैज्ञानिक।

डोना स्ट्रिकलैंड — 60 साल बाद फिजिक्स में नोबेल पाने वाली महिला।

आइरीन क्यूरी — अपनी मां मैरी क्यूरी के नक्शे कदम पर चलते हुए रेडियोधर्मिता की खोज।

मैरी एनिंग — जिसने पहली बार डायनासोर के जीवाश्म दुनिया को दिखाए।

लीज माइटनर — जिनकी खोज ने परमाणु ऊर्जा को संभव बनाया, लेकिन नोबेल किसी और को मिला।

जोसेलिन बेल बरनेल — जिन्होंने पल्सर खोजा, लेकिन श्रेय पुरुष सहयोगी को गया।

बारबरा मैकक्लिंटॉक — आनुवांशिकी में क्रांति लाई, लेकिन पहले गंभीरता से नहीं लिया गया।

जेन गुडॉल — चिम्पांजियों के साथ 55 साल का जीवन, विज्ञान में एक नई भाषा।

नोबेल में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी 3.29% ही है, लेकिन उनकी कहानियाँ 100% प्रेरणादायक हैं!