“यौन हिंसा और हमारी चुप्पी: जब समाज खुद अपराध का हिस्सा बन जाता है”
हमारे दौर में हिंसा एक सामान्य परंतु सबसे खतरनाक शब्द बन चुकी है। यह केवल हाल की घटनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि वर्षों से हमारे समाज की रग-रग में समाई हुई है। एक घटना आती है, मीडिया उसे कुछ दिनों तक चलाता है और फिर एक नई सनसनी पुराने दर्द को दबा देती है। हम … Continue reading “यौन हिंसा और हमारी चुप्पी: जब समाज खुद अपराध का हिस्सा बन जाता है”
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed